![]() |
अमृतपाल का प्रचार करते हुए लोग ( image/indiatimes ) |
अमृतपाल को जब असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया था तो पंजाब में अंदरखाते विरोध शुरू हुआ। इसके बाद अचानक अमृतपाल ने चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया। अमृतपाल ने जेल में रहकर अपना नामांकन भरा। अमृतपाल ने कोई प्रचार नहीं किया। लेकिन फिर भी वो ये सीट जीतने में कामयाब रहा।
...और आगे देखें...
navbharattimes