गुजरात के गांधीनगर की एक अदालत ने सोमवार को आसाराम बापू को 2013 में शिष्या से बलात्कार के एक मामले में दोषी करार दिया है। कोर्ट मंगलवार को सजा का ऐलान करेगी। हालांकि, अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने बलात्कार के इसी मामले में छह अन्य आरोपियों- आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन, बेटी भारती, निर्मला लालवानी, मीरा कलवानी, ध्रुवबेन लालवानी और जावंतीबेन चौधरी को बरी कर दिया है।
Gandhinagar sessions court convicted self-styled godman Asaram in connection with a decade-old sexual assault case. Asaram was accused by a Surat-based woman of repeatedly raping her while she was at his ashram in Ahmedabad's Motera around 10 years ago. pic.twitter.com/ryVeTdrWdA
— ANI (@ANI) January 30, 2023
मामले में विशेष लोक अभियोजक आर.सी. कोडेकर ने मीडिया को बताया कि पीड़िता ने सूरत पुलिस में मामला दर्ज कराया था, जिसे 2013 में अहमदाबाद पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया था। चांदखेड़ा थाना पुलिस ने आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साईं सहित 8 लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें एक या अधिक के समूह में बलात्कार, सामान्य इरादा, अप्राकृतिक अपराध, महिलाओं पर आपराधिक बल, गलत तरीके से बंधक बनाना और आपराधिक धमकी देना शामिल है।
आसाराम एक अन्य बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद वर्तमान में जोधपुर जेल में बंद है, वहीं सूरत की अदालत में नारायण साईं के खिलाफ एक अलग मुकदमा चल रहा है। दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 1997 से 2006 के बीच आसाराम और उनके बेटे द्वारा संचालित मोटेरा आश्रम में उनके साथ बलात्कार किया गया था। छोटी बहन ने नारायण साईं और बड़ी ने आसाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
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