लोकल 18 की टीम ने जब स्थानीय लोगों से बातचीत की तो उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर आरोप लगाया कि डॉक्टर सरकारी अस्पताल में बैठकर निजी मेडिकल स्टोर की दवाइयां लिखते हैं, जिससे उन्हें कमिशन प्राप्त होता है. यदि कोई मरीज अस्पताल के अंदर से दवा लेने की जिद करता है, तो इस प्रकार की अज्ञात लिखावट वाली पर्ची बनाई जाती है.
http://dlvr.it/TD0MWp
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