कंझावला केसः अंजलि के परिवार ने दिल्ली पुलिस के दावों पर उठाए सवाल, कहा- ऑटोप्सी में शराब पीने का कोई सबूत नहीं

दिल्ली के कंझावला केस में मृतका अंजलि के परिजनों ने बुधवार को कहा कि यह कोई हादसा नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है। मीडिया से बात करते हुए मृतक के परिवार के सदस्य भूपेंद्र सिंह चौरसिया, जिनके हाथ में अंजलि की ऑटोप्सी रिपोर्ट थी, ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके शराब पीने का कोई जिक्र नहीं है।

मृतका के परिजनों ने कहा कि यह एक पूर्व नियोजित हत्या है। घटना में अंजलि की स्किन बुरी तरह छिल गई, जिसकी वजह से पीठ की ओर से पसलियां निकल गई थीं। परिवार का यह बयान घटना वाली रात अंजलि के साथ रही उसकी दोस्त निधि के उस बयान के बाद आया है जिसमें उसने दावा किया था कि अंजलि नशे में थी।

हालांकि, आधिकारिक पुष्टि और पोस्टमॉर्टम की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार अभी भी है। निधि ने कहा था कि घटना वाली रात उसने काफी शराब पी रखी थी। स्कूटी कौन चलाएगा इसको लेकर हमारा झगड़ा भी हुआ था। वह अपने होश में बिल्कुल नहीं थी। उस दुर्घटना से पहले, वह एक ट्रक से टकराने वाली थी लेकिन मैंने किसी तरह समय रहते ब्रेक लगा दिया और हम बच गए।

हालांकि परिवार के सदस्य चौरसिया ने कहा कि ऑटोप्सी रिपोर्ट में पेट में कोई अल्कोहल नहीं पाया गया है। चौरसिया ने ऑटोप्सी रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि घटना में अंजलि की खोपड़ी टूट गई और ब्रेन का हिस्सा गायब है। कुल 40 चोटें हैं, जिनमें से 20 से 25 चोट के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं। उसकी मौत के बाद 14-15 चोटें आईं। कुछ चोटें शव के काले पड़ने, गलने और जलने के प्रभाव के कारण नहीं दिखाई दे रही हैं।

उन्होंने यह भी सवाल किया कि जब दो दोस्त इतने भयंकर घटना के दौरान एक साथ थे, तो यह कैसे संभव है कि कोई एक बिना चोट के बच निकलने में कामयाब रहा और बिना किसी को कुछ बताए वहां से गायब हो गया। परिवार ने घटना में निधि के बयान के साथ पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए हैं।



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