
बॉलीवुड में फिल्मों को अवॉर्ड देने के मामले में भेदभाव किए जाने के आरोप हमेशा से लगते रहे हैं। हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद कंगना रनोट ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए उनकी फिल्म 'छिछोरे' को एक भी अवॉर्ड नहीं मिलने का जिक्र किया था। अब अभिनेता अभय देओल ने भी अपनी फिल्म 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' का जिक्र करते हुए इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
अभय ने शुक्रवार को अपनी इसी फिल्म का एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, '2011 में रिलीज हुई थी 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा'। आजकल रोजाना इस टाइटल का जाप करते हुए खुद को सुनाने की जरूरत है। साथ ही जब आप चिंता में हो या बहुत ज्यादा थके हुए हो तो भी ये देखने के लिए बेहतरीन फिल्म है।'
हमें लीड रोलके लिए नोमिनेशन्स तक नहीं दिया
आगे उन्होंने लिखा,'मैं इस बात का उल्लेख करना चाहूंगा कि लगभग सभी अवॉर्ड फंक्शंस में मुझे और फरहान को 'मैन लीड्स' के नोमिनेशन्स से अनदेखा किया गया था और हमें सिर्फ 'सपोर्टिंग एक्टर्स' के लिए ही नोमिनेट किया गया था। जबकि ऋतिक और कटरीना को 'एक्टर्स इन अ लीडिंग रोल' के लिए नोमिनेट किया गया था।'
'यानीकि इंडस्ट्री के तर्क के हिसाब से ये फिल्म एक पुरुष और महिला के प्यार में पड़ जाने के बारे में थी। जिसमें उसे उसके दोस्तों का समर्थन हासिल था, फिर चाहे वो जो कुछ भी फैसला है।'
बेशर्मी के साथ हमारे खिलाफलॉबिंग की गई थी
आगे उन्होंने लिखा, 'इंडस्ट्री में ऐसे कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके हैं, जिसके जरिए लोग आपके खिलाफ लॉबी करते हैं। इस मामले में ये काम पूरी बेशर्मी के साथ खुल्लमखुल्ला हुआ था। मैंने बेशक अवॉर्ड का बहिष्कार किया था, लेकिन फरहान को इससे कोई दिक्कत नहीं थी। #फैमिलीफेयरअवॉर्ड्स'
15 जुलाई 2011 को रिलीज हुई थी फिल्म
जोया अख्तर के निर्देशन में बनी फिल्म 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' 15 जुलाई 2011 को रिलीज हुई थी। इस फिल्म में ऋतिक रोशन, फरहान अख्तर, अभय देओल, कटरीना कैफ, कल्कि कोचलिन और नसीरुद्दीन शाह ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई थीं। फिल्म की कहानी तीन दोस्तों की जिंदगी पर आधारित थी, जो एक बैचलर ट्रिप पर दुनिया के अलग-अलग देशों में साथ जाते हैं। फिल्म का संगीत शंकर-अहसान-लॉय ने दिया था।
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